हास्य- व्यंग्य
का बात है भौजी .. ई सरकार का .. लोड ज्यादा और ससुरा वोल्टेज कैसा डाउन है ...
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
अभी एक मित्र ने हमें मोबाइल से एक एडल्ट जोक भेजा .. लेकिन इस चुटकुले में कुछ ऐसी चुटकी ली गयी थी कि हम हँसे बिना न रह सके .. चुटकुला कुछ यूं था – हम इसे अपनी सदाबहार स्टाइल में आपको सुनाते हैं -
एक बिजली वाले अफसर रोज देर रात को आते घर ।
अद्धी पौआ औनी पौनी, संग में माल मत्ता जम कर।।
थके हारे नित दारू पीते, दारू पी कर दारा नियरे जाते।
न नैन से नैन मिल पाये और न लब की मदिरा पी पाते।।
पर फोन रात में भी बज जाता, सारा मजा किरकिरा होता।
टेंशन नित का देख के अफसर, एक रिकार्डिंग वह कर लेता।।
अपने फोन में वायस भरी, लोड है ज्यादा , वोल्टेज डाउन ।
बिजली नहीं मिल पायेगी, करा तुमने हमरा सिग्नल डाउन ।।
रोज रात को सुनते सुनते, बिजली भौजी ने रट लीं ये लाइन ।
हमारे सनम का प्रिय भाष है, लोड है ज्यादा वोल्टेज डाउन ।।
एक दिन सुबह बोली पड़ोसन, कुछ सुनो सहेली कुछ कहो जरा ।
कैसी रोज रात है कटती , पिया से कैसे मधुर मिलन है होता ।।
माथा ठोक ठोक के बिजली भौजी, करम दण्ड पर रख कर हाथ ।
तड़प झड़प कर बोली सखी से का बतलाऊं जीजी, जरा बड़ी है बात।।
रोज रात को बलम जी पी कर सोते, हाई वोल्टेज में करते बात ।
रात बखत जब हाई वोल्टेज चाहिये, तब फिर ना करते ये बात ।।
रोज रात को खुद नर्राते, सोते सोते से नित उठ कर चिल्लाते ।
लाइन शार्ट है, लाइन फाल्ट है, लोड है ज्यादा वोल्टेज डाउन ।।
किस्मत दुखिया हमरी कुछ ऐसी है , तुमसे कह दें दिल की बात ।
उनके भरे बदन में दिखता पूरा पावर हाउस, लगे कटाउट पूरे सात ।।
आते हैं सन्ना सन्ना सरकार, पर लोड है ज्यादा, है डाउन वोल्टेजवा ।
फूट फूट मैं फ्यूज हो कर बुझी ट्यूबलाइट सी बुझती हूं, जले करेजवा ।।
सुन कर सखी मुस्काई बोली, करो सस्पेण्ड डाउन ट्रान्सफार्मर, बिना यूज और बेमतलब का, फेंकों जो हैं बिन काज ।
नया हाई टेंशन हाई वोल्टेज, टा्रान्सफार्मर का करो प्रयोग, या फिर अपने खम्बे से डलवा दूं , बोलो क्या चाहो तुम आज।
अब जब बिजली ही क्या खुद सरकार का ही डाउन वोल्टेज और हैवी लोड चल रहा है, जनता उनका लोड झेल रही है, जिनमें वोल्टेज ही नहीं है, जो ऊपर चढ़े हैं जनता के, बिना वोल्टेज के जिन्दा मुर्दे । ऐसे सरकार को शत शत नमन ... मध्यप्रदेश की अन्धाधुन्ध बिजली कटौती को सादर समर्पित