गुरुवार, 22 मई 2008

सोच समझ कर थूकिये, थूक बड़ा अनमोल, लघुशंका भी कीजिये सोच समझ और तोल

सोच समझ कर थूकिये, थूक बड़ा अनमोल, लघुशंका भी कीजिये सोच समझ और तोल

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

अभी आजकल ताजा खबर चल रही है , ग्‍वालियर नगर निगम ने थुक्‍का फजीहत बन्‍द कराने के लिये, थूकना प्रतिबन्धित कराने की जुगाड़ खोज ली है खबर कुछ इस प्रकार है -

थूकने के सौ रूपये, लघुशंका के ढाई सौ, दीर्घ शंका पॉच सौ में हो सकेगी 

 ग्वालियर दिनांक 21 मई 2008 - नागरिकों को सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने के लिये अब नगर निगम ग्वालियर द्वारा विभिन्न प्रकार के अर्थदण्ड निर्धारित कर दिये गये हैं । अब नागरिक सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर 100/-, पेशाब करने पर 250/-, शौच करने पर 500/-, पशु को आवारा छोड़ने पर 1000/- तथा सार्वजनिक स्थानों पर रासायनिक अपशिष्ट डालने पर 1000/- रू., सार्वजनिक स्थानों पर हानिकारक द्रव्य बहाने 1000/- रू. तथा गंदगी फैलाने पर 2500/- से दण्0श्निडत हों सकेंगे।

निगमायुक्त डॉ. पवन शर्मा द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि म0प्र0 शासन, नगरीय प्रशासन के आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि नगर निगम क्षेत्र में अपशिष्ट प्रबंधन के उल्लंघन हेतु दाण्डिक प्रावधानों का पालन किया जावे, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर व्यक्ति दुकानदारों, संस्थानों, होटलों, फैक्ट्रीयों, रेस्टोरेंटों पर गंदगी फैलाई जाती है तो उनके खिलाफ म0प्र0 शासन नगरीय प्रशासन नियमों में आरोपित अर्थदण्ड से दण्डित किया जावेगा।

निगमायुक्त द्वारा जारी निर्देश में अपर आयुक्त समस्त उपायुक्त, सहायक आयुक्त, स्वास्थ्य अधिकारी, सहायक प्रभारी स्वास्थ्य एवं कचरा प्रबंधन अधिकारी निगम के चिकित्सा अधिकारी क्षेत्राधिकारियों ए.एस.आई. तथा दरोगा स्तर के अधिकारियों को क्षेत्रांतर्गत नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं, घरों, दुकानों, फैक्ट्रीयों के मालिकों जिनके द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी प्रदूषण उत्तेजक ठोस तथा द्रव्य पदार्थ कचरे के रूप में डाले जायेंगे। अधिसूचित क्षेत्रों को छोड़कर उनके विरूद्व उपरोक्तानुसार अर्थदण्ड लगाने के लिये अधिकृत किये गये हैं । उक्त प्राधिकृत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्व अर्थदण्ड की कार्यवाही करेंगे तथा जुर्माना राशि की रसीद देंगे। साथ ही जुर्माने से वसूल की राशि 24 घण्टे के अंदर निगम कोष में जमा करावेंगे।

 

गोया कुछ दिनों से बड़ी थुक्‍का फजीहत चल रही थी, कोई भी कहीं भी आकर थूक जाता था, थूकना ग्‍वालियर के लिये टेंशन हो गया । कोई इस पर थूक रिया है, कोई उस पर थूक रिया है, कोई नेता जी पे थूक रिया है कोई पुलिस पे तो कोई सरकार पे । कोई कोई पठ्ठा तो नगर निगम पे ही डायरेक्‍ट थूक देता था । हुम्‍फ थूक थूक बेहाल कर दिया ग्‍वालियर को ।

ग्‍वालियर वालों की एक और पुरानी आदत है, बड़ी जल्‍दी लपक के ऊंगली छोड़ पहुँचा थाम लेते हैं, सो यह लाजमी था कि बात थूक से भी आगे बढ़ती, बढ़ते देर न लगती । प्राब्‍लम शुरू में ही फिक्‍स हो जाये तो बेहतर रहती है, कहावत है कि रोग बढ़ने से पहले इलाज बेहतर है, थुक्‍का थुक्‍की से आगे मामला जाये इससे पहले ही, सरकार बैठ गये चिन्‍तन, मन्‍थन और मनन में । नगर पालिका अधिनियम छान मारा, सारी धारायें खंगाल डालीं । और आखिर मिल ही गया अलादीन का चिरागी जिन्‍न, कि सार्वजनिक प्‍लेस पर गंदगी करना अपराध ए अधिनियम है । आई.पी.सी. में तो लघुशंका पे से ही मामला बनता है लेकिन नगरपालिका अधिनियम ने थूकने पर से ही मामला बनाने की राह सुझा दी । अफसरों की जान में जान आयी । गोया पॉंत में जात मिल गयी ।

थूका, मूता, या .....वगैरह वगैरह तो बेटा निबट जाओगे । अब अगर ग्‍वालियर में कहीं थूकना है तो बेटा जेब में सौ का एक नोट कड़कड़ाता हुआ डाल कर चलना । और मूतना है तो ढाई सौ के पत्‍ते कड़कड़ाते हुये जेब में होने चाहिये । वरना निहाल हो जाओगे ।

अगर आप सौ के कई नोट जेब में रख कर चलेंगे तो ग्‍वालियर में कई बार थूक सकेगे, आपकी जेब के नोटों की संख्‍या के अनुसार जम कर मूत भी सकेगे । यानि जेब में नोट हैं तो ग्‍वालियर में जम कर थूको और मूतो, वरना पतली गली से निकल लो ।

देश भर के थुकेरों और मुतेरों को ग्‍वालियर बुला रहा है, पैसा लाओ, थूको और मूतो ।

मेरे वकील मित्रों को यह खबर बड़ी बढि़या लगी, उनकी खुपडि़या घूमी बोले गुरू ये मामला जनहित में आ सकता है, मैं बोला कैसे, वे बोले कि अरे भईया ग्‍वालियर जाकर खांसी वाले, टी.बी. वाले इलाज कराते हैं, और थूकना उनके संग चलता है अब क्‍या उनको थूकदान संग ले जाना पड़ेगा या सार्वजनिक प्‍लेस पे अपने निजी थूकदान या पीकदान या मूतदान में कोई विसर्जन नहीं कर सकेगा, आदेश स्‍पष्‍ट नहीं है ।

मैंने कहा नहीं यार ये तो थुक्‍का थुक्‍की कर थुक्‍का फजीहत वालों के लिये आदेश है । जनरल पब्लिक के लिये नहीं है । लेकिन अब भई वकील तो वकील हैं, हर जगह कील ठोकना उनका पेशा है, लगी तो कील न लगी तो अपील, वकील साहब बोले कि गुरू, बात कुछ जँची नहीं, इस आदेश के मुतल्लिक तो सार्वजनिक प्‍लेस पर सब कुछ मना है, यानि सार्वजनिक मूत्रालय और सार्वजनिक शौचालय भी इसमें वर्जित प्‍लेस हो जाते हैं ।

मेरी खुपडि़या वकील साहब चेंट चेंट कर चाट गये, मुझे तो कोई समाधान नहीं सूझा, फिलहाल मुझे कोई टेंशन भी नहीं है, हमारे मुरैना में तो सब फ्री है, चाहे जहॉं चाहे जिस पर चाहे जितना थूको, नो टेंशन, चाहे जिधर बैठकर, खड़े होकर, चाहे जिस दिशा में निवृत्‍त हो लो नो टेंशन, थुक्‍कमथुक्‍क, दिशा मैदान, लघुशंका यहॉं सारे आइटम फ्री हैं, चाहे जिसके दरवाजे पर कर आओ । डायरेक्‍ट नगरपालिका पे भी कर दो, नो टेंशन । ग्‍वालियर वाले ग्‍वालियर की जाने, नो टेंशन ।               

 

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